Karawachauth ka Vrat (Image By Google) |
करवाचौथ की इस रात हर एक नारी दुल्हन बनेगी,
अपने प्रिय के लिए व्रत करेगी।
माथे पे बिंदिया सजेगी ,नयनों में काजल भरेगी,
होंठो पे लाली लगेगी माँग सिन्दूर से भरेगी।
हाथों में चूड़ी पहनेंगी ,हथेली मेंहदी से रंगेगी,
रँग ज्योंज्यों होगा गहरा पिया की प्रीत पे भरोसा करेगी।
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पहनेंगी बजनी पायल लाल आलता रखेगी,
देखकर रूप की रानी की धड़कन पिया की बढ़ेगी।
बालों को वेणी गूंधेगी, गजरे से फिर महकेगी,
सुर्ख पहनेंगी शादी का जोड़ा, सिर पे अपने चुनरिया ओढ़ेगी।
उपवास सारा दिन करेगी एक बूंद न पानी पीयेगी,
आज फिर पति मेरा देवता हैं भाव यह ह्रदय में भरेगी।
लेकर पूजा का थाल उतरेगी आरती,पिया को बनाके ईश्वर,
मन के मन्दिर में बिठाके खुद उनकी पुजारन बनेंगी।
पीके उसके हाथों से पानी आज फिर वो दीवानी,
हर जन्म तुमको पाऊं वचन फिर सात फेरों का भरेगी।
छू के चरण ,माथे पे लगाके चन्दन नयनों में उसको भरेगी,
मेरा जीवन है पिया तुम्हारा ऐसा कहकर आलिंगन करेगी।
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