What is black fungus | ब्लैक फंगस क्या है | ब्लैक फंगस से कैसे बचे
कैसे होता है Black Fungus इन्फेक्शन :-
Mucormycosis Infection : ब्लैक फंगस या म्यूकरमाइकोसिस नाम की एक नई बीमारी भारत में पैर पसार रही है , इसका खतरा सबसे ज्यादा कमजोर इम्युनिटी बाले व्यक्ति को हो सकता है , ब्लैक फंगस के आने से देश के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई। इसके पांव पसारने से कई राज्यों में लिपोसोमल एंफोटेरिसिन बी इंजेक्शन की कमी हो गई है जिसका उपयोग म्यूकरमाइकोसिस के इलाज में होता है।
ब्लैक फंगस पसार रहा है पैर
कोरोना की दूसरी लहर से मचे कोहराम के बीच घातक ब्लैक फंगस या म्यूकरमाइकोसिस (Black Fungus or Mucormycosis) का नया खतरा पैदा हो गया है। अब तक देश में इसके करीब 5,500 मरीज सामने आ चुके हैं जिनमें 126 की मौत हो चुकी है। कोरोना की तरह ब्लैक फंगस ने भी सबसे ज्यादा अटैक महाराष्ट्र पर ही किया है। हालांकि, कई और राज्यों में भी यह पांव फैला रहा है। यही वजह है कि वहां ब्लैक फंगस के इलाज में काम आने वाली दवा लिपोसोमल एंफोटेरिसिन बी (Liposomal Amphotericin B) बाजार से गायब हो रही है।
केंद्र का निर्देश
दरअसल, केंद्र सरकार ने भी सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि वो माइकरमाइकोसिस को एक नोटिफिएबल डिजीज घोषित करे क्योंकि देश में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कोविड-19 के अलावा, ट्यूबरकुलोसि (टीबी), कोलरा और डिप्थेरिया भी नोटिफिएब डिजीज घोषित किए गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी सरकारों को कहा है कि वो केंद्र और आईसीएमआर की गाइडलाइंस का पालन करें।
ब्लैक फंगस से बचने के लिए क्या करें क्या ना करें
जिनका कैंसर का इलाज हो रहा है और ट्रांसप्लांट करवाने वालों को. Also Read - दिल्ली में कोरोना के 3009 और 'ब्लैक फंगस' के करीब 200 मामले सामने आए, 252 की मौत
जिन मरीजों को शुरुआत में ही स्टेरॉइड्स दिए गए.
स्टेरॉइड्स की बहुत ज्यादा डोज दिए जाने पर भी मरीज को खतरा बढ़ जाता है.
ऐसे लोगों के खून में मिठास की मात्रा बढ़ जाती है जो हाई ब्लड शुगर के रूप में सामने आता है.
अगर लंबे वक्त तक स्टेरॉइड्स दिए जाएं तो भी लोग ब्लैक फंगस की चपेट में आ सकते हैं.
कुछ दवाइयां भी बहुत सावधानी से देनी चाहिए, वो भी फंगल इन्फेक्शन का कारण बन सकती हैं
बिना डॉक्टरी सलाह के स्टेरॉइड लेना खतरनाक हो सकता है.
स्टेरॉइड बिल्कुल उचित मात्रा में लें और कम-से-कम समय तक लें.
ब्लड शुगर कंट्रोल में नहीं हो तो डॉक्टर से बिना पूछे स्टेरॉइड लेना नहीं छोड़ें.
तीन चीजें बहुत महत्वपूर्ण हैं- पहला शुगर कंट्रोल बहुत अच्छा होना चाहिए, दूसरा हमें स्टेरॉयड कब देने हैं, ये सावधानी, तीसरी स्टेरॉयड की कितनी डोज देनी है.
शुगर कंट्रोल- खून में चीनी की मात्रा बढ़ने नहीं दें.
जो लोग डायबिटिक हैं, उन्हें अपने ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने का अतिरिक्त प्रयास करना चाहिए.
जो डायबिटिक नहीं हैं, लेकिन नियमित तौर पर स्टेरॉइड्स ले रहे हैं, उन्हें अपना ब्लड शुगर हमेशा चेक करते रहना चाहिए.
स्टेराइड गाइडलाइंस का सख्त पालन हो.
स्टेरॉइड देने को लेकर गाइडलाइंस जारी किया है, उसके मुताबिक स्टेरॉइड दिया जाए.
स्टेरॉइड के बेजा इस्तेमाल से परहेज – स्टेरॉइड देने से बचें.
अगर जरूरत पड़े तो कम डोज दें ना कि बहुत ज्यादा.
इस तरह की दूसरी दवाइयां भी तभी दी जाएं जब बहुत जरूरी हों.
जानिए किसे है ज्यादा खतरा?
अगर आपको सिरदर्द हो
चेहरे के एक हिस्से में दर्द महसूस हो या वो सूज जाए
चेहरा सुन्न पड़ रहा हो
चेहरे का रंग बदल रहा हो
पलकें सूजने लगी हों
दांत हिलने लगे
ब्लैक फंगस होने के लक्षण
बुखार
सांस लेने में दिक्कत
कफ
खंखार में खून आना
सीने में दर्द
धुंधला दिखाई पड़े
ये लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
दवाइयों से भी इसका इलाज हो जाता है. कुछ मौकों पर सर्जरी भी करनी पड़ती है.
कितना खतरनाक है ब्लैक फंगस, क्या है इलाज
डॉक्टर त्रेहन ने कहा, “यह नाक या मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है.
दूसरे चरण में यह आंख को प्रभावित करता है और तीसरे चरण में यह दिमाग पर अटैक करता है.
चार से छह हफ्ते तक दवाइयां लेनी पड़ती हैं. गंभीर मामलों में तीन-तीन महीने तक इलाज चलता है.
इन बातों पर न दें ध्यान -
कुछ कच्चा खाने (Raw Food) से फंगल इन्फेक्शन हो रहा है
जहां तहां से लाए गए सिलिंडर से कोरोना मरीज को ऑक्सिजन सपॉर्ट देने के कारण.
किसी खास स्थान पर ही हो रहा है|
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