Movie Review - Film Reveiw | Sherani Movie Review in hindi
Sherani Review/Image by google |
Sherni Review: विद्या बालन की 'शेरनी' की दहाड़? 2 घंटे की फिल्म देखने से पहले पढ़ लें रिव्यू
फिल्म: शेरनी
निर्देशक: अमित मसुर्कर
कास्टिंग: विद्या बालन, बृजेन्द्र काला, शरत सक्सेना, नीरज काबी, विजय राज, मुकुल चड्ढा आदि
ओटीटी: अमेजन प्राइम वीडियो
क्या है शेरनी की कहानी -
विद्या बालन अभिनीत फिल्म शेरनी की दहाड़ पूरी फिल्म में कही नहीं दिखाई पड़ती , सेव टाइगर मिशन के बीच बाघों के शिकार की इस कहानी में न तो जंगलों के जालीदार अंधेरे-उजाले का रोमांच है और न ही बाघ की आँखों में पैदा होने वाला खौप है |
वन विभाग के अधिकारी व अन्य लोग उसका शिकार कर उसे ख़त्म या बंधी बना लेना चाहते है जबकि विद्या बिसेन्ट उस शेरनी को आजाद और जिन्दा रखना चाहती है | इसी सब के चलते राजनीतक हथकंडे और राजनितिक दुर्पुयोग और राजनितिक फंदे कैसे काम करते है , साथ ही कैसे विभागों के कामकाजो पर असर डालते है , फिल्म में ये सब साफ तौर पर दिखाया गया है |
विद्या बिसेन्ट उस आजाद शेरनी को बचापाती है या फिर क्या होता है उसके लिए आपको पहले से बताना सही नहीं रहेगा हो सकता है आपका फिल्म देखने का इंटरस्ट ख़तम न होजाये इसलिए इस सस्पेंस को बरकरार रखने के लिए आपको फिल्म देखना ही सही रहेगा |
फिल्म में एक्टिंग परफॉरमेंस / फिल्म में कैसा है अभिनय -
मूवी में कलाकारों का सिलेक्शन बड़ी ही एक्यूरेसी के साथ किया है , उसी की ही बजह से सभी कलाकारों ने अपना काम बखूबी किया है , एक ही मंच पर कई स्टार कलाकार होने पर भी एक बात की कमी से लगती रहती है की सभी एक्टर्स को ज्यादा रोल टाइम नहीं मिल पाया है , विद्या बालन के अलावा इस फिल्म में मुकुल चड्ढा , शरत सक्सेना , ब्रजेन्द्र काला , एयर बिजय राज ,मुख्य भूमिका में नजर आये है
निर्देशन में है दम -
निर्देशक अमित मसूरकर का निर्देशन इस बार कुछ ज्यादा ही ख़ास नहीं लगा , या फिर कहानी की पठकथा के अकॉर्डिंग वो अपना टैलंट दिखने में पूरी तरह कामयाब नहीं हो सके है , फिल्म की लगभग सारी सूटिंग फारेस्ट में हुई है फिर भी जांबरो के लिए कम्प्यूटर ग्राफिक्स का इस्तेमाल किया गया है , स्टार एक्टर्स होने के बाद भी फिल्म फीकी फीकी से लग रही है , या फिर ये कहे की फिल्म की यही खास बात ही है , फिल्म में बेबजह का मसाला नहीं डाला गया है फिल्म को जेनुअन बनाया गया है | बता दे निर्देशक अमित मसूरकर का निर्देशन फिल्म न्यूटन में काफी सराहा गया था |
क्या है खास बात शेरनी में -
फिल्म शेरनी में कुछ ऐसे टॉपिक्स पर फोकस किया गया है जो की फिल्म की पटकथा से अलग जाते हुए समाज की कुछ ऐसे पहलुओ पर जा कर टिकता है जो भले ही वन विभाग की अधिकारी का अपनों के फैसलों के विरुद्ध ले जा कर खड़ा कर देना हो या फिर काम करने के तरीको के बीच में राजनितिक हस्तछेप हो दर्शाया गया है |
शेरनी फिल्म देखें या नहीं -
फिल्म शेरनी में ऐसा कुछ तो ख़ास नहीं दिखाया गया है कि फिल्म को देखने के लिए बेताब हो जाये , फिल्म सिर्फ जंगल के अधिकारियो कि कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी एकत्रित करने के लिए फिल्म को एक बात देख सकते है , या फिर आप एक्टर्स के बड़े फैन है तो भी आप फिल्म को एक बार जरूर देखे , खास बात ये है कि विद्या बालन ने हमेशा की तरह इस बार भी जबरदस्त परफॉरमेंस दी है |लगभग 2 घंटे 10 मिंट की फिल्म को बिना तड़का या मसले के देखपाना दर्शको के लिए नागबार गुजरेगा |
शेरनी एंटरटेनमेंट के लिए कोई ख़ास नहीं है , न तो इसमें कोई खास ज्ञान मिलता है न ही कोई खास एक्शन मिलता है , विद्या जी वन विभाग के अधिकारी के ड्रेस में जचती नहीं है , उनके चहरे पर पर पूरी फिल्म में निराशा के बादल ही घिरे हुए दिखाई देते रहते है | जो की उनके किरदार को कुछ खास नहीं बनता , बिजय राज एक गजब के एक्टर है लेकिन उनका जुलोजी का प्रोफेसर का रोल कुछ खास उन पर नहीं जचता है , |
ये फिल्म ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज हो रही है , ओटीटी प्लेटफार्म अमेज़न प्राइम है |
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